सदर अस्पताल में खून का खेल: प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा?

साहिबगंज :- भाजपा नेता सत्य प्रकाश सिन्हा ने सोमवार को साहेबगंज डीसी को पत्र लिखकर सदर अस्पताल में खून की खरीद-फरोख्त की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। सिन्हा ने आरोप लगाया है कि इस तरह के मामलों के पीछे सबसे बड़ा कारण सदर अस्पताल में लंबे समय से पदस्थापित डॉक्टरों का वहां बने रहना और सदर अस्पताल परिसर में संचालित निजी दवा दुकानदारों का होना भी है।

 

सिन्हा ने कहा कि निजी दवा दुकानों पर हमेशा दलालों का जमावड़ा लगा रहता है। अस्पताल आने वाले मरीजों को दवा से लेकर जांच, खून की व्यवस्था, प्रसव पीड़ा जैसे मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता के नाम पर ऐसे लोग मोटी रकम की उगाही करते हैं। इसका सीधा संपर्क चिकित्सकों और निजी क्लिनिक तक होता है। उन्होंने कहा कि इससे मरीजों को परेशानी होती है और उनकी जेब भी ढीली होती है।

 

सिन्हा ने आरोप लगाया कि सरकार करोड़ों रुपये मरीजों के स्वास्थ्य सुविधा के लिए व्यवस्था में खर्च करती है, लेकिन हर योजना भ्रष्टाचार की बलि चढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि इससे लगता है कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

 

अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और क्या वह भाजपा नेता की मांग को गंभीरता से लेता है। इस मामले में आगे क्या होगा, यह तो समय ही बताएगा। क्या प्रशासन दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा या फिर यह मामला भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?

 

मरीजों को अभी भी उम्मीद है कि प्रशासन इस मामले में कार्रवाई करेगा और उन्हें सस्ती और अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। लेकिन अगर प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई नहीं की, तो मरीजों को और भी परेशानी हो सकती है।

 

अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और क्या वह मरीजों को न्याय दिला पाता है। इस मामले में आगे क्या होगा, यह तो समय ही बताएगा।

  • NIHAL SAH

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Our Associates