वीटीआर के जंगलों में पेड़ पर उगते हैं पैसे, लोगों की मुरादें होती हैं पूरी
बेतिया/ नरेंद्र पांडेय
वाल्मीकिनगर के वीटीआर में पेड़ पर उगते हैं पैसे, लोगों की मुरादें होती हैं पूरी वाल्मीकिनगर के जंगल में कुछ पेड़ ऐसे भी हैं ।जिसे देखकर आप हैरानी से कहेंगे कि पैसे तो पेड़ पर ही उगते हैं। इस पेड़ पर हजारों की संख्या में सिक्के लगे हुए हैं। न केवल पैसों वाले पेड़ के रूप में बल्कि मुरादें पूरी करनेवाले पेड़ के रूप में भी यह सुप्रसिद्ध हो चुके है।
हम जिस पैसों के पेड़ के बारे में बात कर रहे हैं। भारत नेपाल सीमा स्थित वीटीआर के जंगल में अवस्थित है। वीटीआर के सघन वन क्षेत्र में अवस्थित माता नरदेवी मंदिर के समीप पांच ऐसे पेड़ हैं ।जो पैसों से लदे हुए हैं।
हर गुजरते दिन के साथ इसमें लगे पैसों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। हालांकि, ये बात अलग है कि इसमें लगने वाले पैसे नेचुरल तरीके से नहीं उगते हैं, बल्कि लगाए जाते हैं।
सिक्कों का एक नहीं बल्कि पांच पेड़ है जिस पर लोग अपनी मनोकामना पूरी होने के लिए सिक्के ठोकते हैं। यह एक तरह की आस्था या अंधविश्वास है। जहां लोग अपनी मनोकामनाएं पूरी होने के लिए पेड़ में सिक्के ठोकते हैं।
हालांकि श्रद्धालुओं की माने तो इसे ईश्वरीय देन है। श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होने पर चढ़ावे के तौर पर इस पेड़ में सिक्के ठोकते हैं। यहां नव विवाहित जोड़े एवं
प्रेमी जोड़े भी आते हैं और अपने रिश्ते में मिठास बनाए रखने के लिए इस पेड़ में सिक्के ठोकते हैं।
पेड़ को हो रहा नुकसान..
इस बाबत प्रकृति प्रेमी मनोज कुमार बताते हैं कि पेड़-पौधों की पूजा करना ठीक है, लेकिन उनके तने में जबरन सिक्के ठोकना उचित नहीं है।
इससे पेड़ को नुकसान हो रहा है। यदि चढ़ावा चढ़ाना है तो उसे पेड़ के आसपास पैसे रख सकते हैं। वाल्मीकिनगर आने वाले श्रद्धालु माता नरदेवी के दर्शन के बाद इन पेड़ो के तने में सिक्का ठोंककर मन्नते मांगते हैं। यह परम्परा कब और किसने शुरू की, इसके बारे में किसी को ठीक-ठीक पता नहीं है। इन पेड़ो की स्थिति यह है कि यह सिक्कों से पूरी तरह भर चुके हैं। सूर्योदय व सूर्यास्त के वक्त जब इस पेड़ पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं तो सिक्के इस कदर जगमगा उठते हैं, मानों पेड़ का तना ही चमक रहा हो। इसे आस्था कहें या अंधविश्वास
दूर-दूर से श्रद्धालु इस पेड़ पर सिक्के चिपकाने आते हैं। हालांकि इस पैसों के पेड़ को देखने की भी लोगों में काफी उत्सकुता होती है।