बरहरवा:- बुधवार को “संविधान बचाओ रैली”का आयोजन साहिबगंज जिला के बरहरवा में जिला अध्यक्ष बरकतुल्लाह खान की अध्यक्षता में किया गया।जिसमें हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने बरहरवा रेलवे स्टेशन प्रांगण से चलकर बरहरवा प्रखंड कार्यालय तक पैदल यात्रा कर केंद्र सरकार के द्वारा संविधान से छेड़ छाड़ करने पर नाराजगी जाहिर की । संविधान बचाओ रैली में मुख्य अतिथि के रूप मे झारखंड प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सह साहिबगंज जिला के प्रदेश प्रभारी श्री मणि शंकर जी उपस्थित रहें।प्रदेश उपाध्यक्ष श्री मणि शंकर जी ने कहा की मणि शंकर जी ने कहा कि संविधान में संवैधानिक संस्थाएं ईडी ,सीबीआई ,इनकम टैक्स वगैरा भाजपा के शाखा के रूप में काम कर रही है ईडी का दुरुपयोग विगत 6 वर्षों में बहुत ज्यादा हुआ है 5 वर्षों में 7000 कैसे ईडी में दर्ज हुआ जिसमें मात्र 122 कैसे व्यापारी या अधिकारी पर बाकी सब राजनीतिक दोष भावना से कैसे राजनीतिक लोगों पर दर्ज किया गया इसका सबसे बड़ा उदाहरण झारखंड स्वत है जहां पर ईडी जबरदस्ती झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जेल में डाली और 5 महीने के बाद कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए और निर्दोष हेमंत सोरेन जेल से बाहर निकले जब से 2019 में हेमंत सोरेन की सरकार काबिज हुई थी तब से ईडी सीबीआई इनकम टैक्स इन लोगों का इन संस्थाओं का लगातार दबदबा रहा निर्दोष लोगों को जबरन केस में दर्ज किया गया और प्रताड़ित किया गया इसीलिए आज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर बरहरवा में साहिबगंज जिला के कांग्रेस कार्यकर्ता जमा हुए हैं और हम लोग संविधान बचाओ रैली आज के दिन कर रहे हैं कांग्रेस जन अपनी भावना को उजागर कर रहे हैं और जो संविधान का संवैधानिक संस्थाओं का संविधान का जोदुरुपयोग हो रहा है उस दुरूपयोग को रोकने के लिए आज का यह प्रदर्शन आयोजित किया गया है
वहीं जिला अध्यक्ष बरकत खान ने
भारत के संविधान के बारे मे महत्वपूर्ण जानकारी लोगों को दी। भारत का संविधान न केवल देश की सबसे महत्वपूर्ण विधिक दस्तावेज है,बल्कि यह दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान भी है. यह संविधान न केवल भारत के शासन तंत्र की रूपरेखा तय करता है, बल्कि नागरिकों के अधिकारों, कर्तव्यों और मूलभूत सिद्धांतों को भी स्पष्ट करता है.
भारतीय संविधान नागरिकों को छह प्रकार के मौलिक अधिकार प्रदान करता है, जैसे समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, आदि. वहीं भारतीय नागरिकों को संविधान के भाग 3 में 6 प्रकार के मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) दिए गए हैं, जो इस तरह हैं-समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18), स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22), शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24), धर्म की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 25-28), संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29-30), संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32) और मौलिक कर्तव्य (Fundamental Duties). कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि मनी शंकर जी तथा ज़िला अध्यक्ष बरकतुल्लाह खान ने कार्यकर्ताओं के साथ प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को झारखण्ड राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा।मौके पर ज़िला कांग्रेस कमिटी के पदाधिकारीगण,सभी प्रकोष्ठों के जिला पदाधिकारीगण,प्रखण्ड पदाधिकारीगण,मंडल अध्यक्षगण,बीस सूत्री अध्यक्ष एवं सदस्यगण,पंचायत के पदाधिकारीगण तथा सम्मानित कार्यकर्तागण उपस्थित रहे।
- NIHAL SAH