जेएमएम पार्टी का सरना आदिवासी धर्म कोड आंदोलन एक धोखा: बर्नाड हांसदा

 

दुमका :- बर्नाड हांसदा ने कहा कि झारखंड की जेएमएम पार्टी का सरना आदिवासी धर्म कोड आंदोलन आदिवासी समाज को दिग्भ्रमित करने के लिए एक नौटंकी है। उन्होंने कहा कि जेएमएम पार्टी की सरकार ने 2020 में झारखंड कैबिनेट में सरना आदिवासी धर्म कोड पारित किया और राज्यपाल की सहमति के बिना ही केंद्र को भेज दिया, जो असंवैधानिक है।

 

बर्नाड हांसदा ने आरोप लगाया कि जेएमएम पार्टी आदिवासियों को दिग्भ्रमित करने के लिए सरना आदिवासी धर्म कोड की मांग कर रही है, जबकि वास्तविक मांग सरना धर्म कोड होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जेएमएम पार्टी ने कभी भी आदिवासियों के हित में वास्तविक समर्थन नहीं दिया है।

 

बर्नाड हांसदा ने कहा कि जेएमएम पार्टी को पहले गिरिडीह जिले में स्थित आदिवासियों के पवित्र धार्मिक स्थल मरांग बुरू को लिखित रूप से आदिवासियों को वापस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जेएमएम पार्टी का आदिवासियों के लिए सरना आदिवासी धर्म कोड का आंदोलन तब तक विश्वसनीय नहीं होगा जब तक वे आदिवासियों के हित में वास्तविक कदम नहीं उठाते।

 

बर्नाड हांसदा ने कहा कि जेएमएम पार्टी को राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सबसे बड़ी आदिवासी भाषा संताली भाषा को आदिवासी बहुल प्रदेश झारखंड में अनुच्छेद 345 के तहत प्रथम राजभाषा का दर्जा देना चाहिए।

 

बर्नाड हांसदा ने कहा कि जेएमएम पार्टी को झारखंड में अविलंब झारखंडी स्थानीय नीति लागू करनी चाहिए और शिक्षित बेरोजगार नवयुवकों को नौकरी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जेएमएम पार्टी को आदिवासियों के हित में वास्तविक कदम उठाने चाहिए और उन्हें दिग्भ्रमित करना बंद करना चाहिए।

  • NIHAL SAH

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