फतुहा/श्रवण राज
आँगनवाड़ी केंद्र से बच्चे अपने जीवन का ककहडा़ सीखते हैं। कहा जाता है कि बच्चों की शुरूआती शिक्षा यही से शुरू होती है। बच्चों के पोषण के साथ-साथ बुनियादी तौर पर शिक्षा भी यही दी जाती है। सरकार के द्वारा भी नौनिहालों के भविष्य को संरक्षित करने के लिए अथक प्रयास भी किए जा रहे हैं और समय-समय पर पोषण संबंधित जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। लेकिन इस तस्वीर को देखने मात्र से ही आपको प्रतीत होगा कि यह सभी बातें बोलने में ही अच्छी लगती है न कि जमीनी तौर पर खड़ी उतरती है। पटना जिले में कुल 4354 आंगनवाड़ी केंद्रों का संचालन किया जाता है लेकिन कुव्यवस्था कुछ इस तरह आपको देखने को मिलेगी।
मामला है फतुहा अनुमंडल के कोलहर पंचायत के वार्ड संख्या 4 में अवस्थित आंगनवाड़ी कोड संख्या 141 का, जहाँ नौनिहालों को जानवरों की तरह नाले पर बैठाकर पढा़या जाता है, हालांकि कमरे का किराया विभाग की ओर से हर माह आवंटित की जाती है लेकिन पैसे को आंगनवाड़ी सेविका के द्वारा गटक लिया जाता है और बिना किसी डर के नाले पर बैठाकर बच्चों को छोड़ दिया जाता है। तस्वीर में आप साफ तौर पर देख रहे हैं कि कुर्सी खाली पड़ी है, बच्चों को न कोई पढ़ाने वाला है और न ही कोई देखने वाला, सिर्फ बच्चों को बैठाकर सेविका-सहायिका गायब है ।अब ये बच्चे कितने समझदार हैं कि खुद से पढेंगे और इस हालत में ये क्या सीखेंगे।
साथ ही साथ नाले की गहराई देखने से यह भी पता चल रहा है कि अगर कोई बच्चा गलती से भी इसमें गिर गया तो किसी भी अनहोनी की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। फिर भी बच्चों को उसी नाले पर बैठाकर आंगनवाड़ी केंद्र का संचालन किया जा रहा है और सरकार के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है।
इस संबंध में अनुमंडलाधिकारी सत्यम सहाय ने बताया कि मामले में सीडीपीओ से पुछा गया है। वही सीडीपीओ अर्चना सिन्हा ने बताया कि केंद्र का अपना भवन नहीं है। किराये के मकान में केंद्र चल रहा है। केंद्र में सेविका का पद रिक्त हैं। नया भवन बन गया है लेकिन रास्ते की समस्या आ रही है जिसे सुलझा लिया जाएगा। इस मामले में सहायिका से स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।