बाढ़/रविशंकर शर्मा
बाढ़ अनुमंडल अस्पताल में एंबुलेंस को लेकर स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा किया। अस्पताल कर्मचारियों और स्थानीय लोगों के बीच काफी देर तक धक्का मुक्की और बहस होती रही। स्थानीय लोग अस्पताल प्रशासन पर मनमानी करने का आरोप लगा रहे थे। वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि यहां सिर्फ तीन एंबुलेंस उपलब्ध है। एंबुलेंस कर्मचारियों की मनमानी को लेकर आएदिन मरीजों के साथ विवाद होता रहता है।
उत्क्रमित मध्य विद्यालय पछियारी मलाही में मिड डे मील परोसे जाते समय एक महिला बुरी तरह से झुलस गई थी। स्कूल के अध्यापकगण तुरंत उसे बाढ़ अनुमंडल अस्पताल लेकर आ गए। डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद महिला निभा देवी को तुरंत पटना रेफर कर दिया। लेकिन तीन घंटे से अधिक समय बीत जाने पर भी अस्पताल में कोई एंबुलेंस मौजूद नहीं था। स्थानीय लोगों ने 102 नंबर पर फोन किया, लेकिन 21 मिनट तक फोन लगातार होल्ड पर रहा। आधे घंटे बाद एंबुलेंस कर्मी अनुमंडल अस्पताल पहुंचा, लेकिन दूसरे पेशेंट को लेकर पटना रवाना हो गया। इसके बाद स्कूल से आए अध्यापकों और स्थानीय लोगों ने अस्पताल प्रशासन पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद अस्पताल कर्मचारियों और स्थानीय लोगों में धक्का मुक्की भी हुई। आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। यहां तक कि एक लड़की ने अपने साथ मारपीट किए जाने का भी आरोप लगाया। जब स्थानीय लोगों ने दूसरे एंबुलेंस को फोन करने का प्रयास किया, तब उसका फोन भी करीब 15 मिनट तक होल्ड पर रहा। मामला बिगड़ता देख अस्पताल प्रशासन ने एक प्राइवेट एंबुलेंस को बुलाकर गंभीर रूप से झुलसी महिला को पटना रेफर किया। इसके बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा शांत हुआ। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बाढ़ अनुमंडल अस्पताल में सिर्फ तीन एंबुलेंस दिया गया है, जिसके कारण मरीजों को पटना भेजने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार इसकी शिकायत की गई है, लेकिन अभी तक कोई एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया गया है। ऐसी गंभीर स्थिति में अस्पताल प्रशासन को मरीजों के गुस्से का शिकार होना पड़ता है।