जहानाबाद/संतोष कुमार
बिहार: शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका ताजा उदाहरण मंगलवार को सामने आया। सहायक जिला शिक्षा पदाधिकारी (ADPO) लक्ष्मण यादव को विशेष निगरानी इकाई (Special Vigilance Unit) ने ₹50,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
आरोप है कि लक्ष्मण यादव ने यह रिश्वत विभागीय कर्मचारी कौशल किशोर से उनके वेतन, GPF (सामान्य भविष्य निधि) और पेंशन स्वीकृत कराने के बदले मांगी थी। परेशान कर्मचारी कौशल किशोर ने इसकी शिकायत विशेष निगरानी इकाई को दी, जिसके बाद टीम ने योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाकर आरोपी अधिकारी को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया।
शिक्षा से ज़्यादा रिश्वत पर मेहनत
इस घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि कुछ अधिकारी बच्चों की शिक्षा सुधारने के बजाय भ्रष्टाचार की जड़ें मजबूत करने में लगे हैं। ऐसे घूसखोर अधिकारियों की वजह से न केवल शिक्षा विभाग की साख गिरती है, बल्कि ईमानदार कर्मचारियों को भी कामकाज में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
विशेष निगरानी इकाई की कार्रवाई
निगरानी इकाई के अनुसार, आरोपी लक्ष्मण यादव को मंगलवार शाम छापेमारी के दौरान रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
जनता में आक्रोश, कार्रवाई की मांग
इस कार्रवाई के बाद जिले में शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। आम लोगों और विभागीय कर्मचारियों ने मांग की है कि ऐसे अधिकारियों को निलंबित कर कठोर करवाई की माँग की है।