हरेक थाना में डाटा ऑपरेटर को किया जाता है टॉर्चर ईगो में जीते हैं थाना प्रभारी,सरकारी कॉलेज के डॉक्टर को निजी क्लीनिक खोलने की नहीं मिले इजाजत
पूर्णिया/मलय कुमार झा
पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने अर्जुन भवन स्थित कार्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए पुलिसिया व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि सभी थाने में डाटा ऑपरेटर को टॉर्चर किया जाता है किसी भी थाना प्रभारी का व्यवहार ठीक नहीं है सभी अपने ईगो में जीते हैं। पप्पू यादव ने थाना प्रभारी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये गुंडा से भी बड़ा गुंडा है।
पूर्णिया में सरसी थाने के डाटा ऑपरेटर ललित कुमार की हत्या के सवाल पर संसद ने कहा कि 72 घंटे के भीतर मृतक के पोस्टमार्टम को सार्वजनिक किया जाए किसी भी कीमत पर दोषी को बख्शा नहीं जाए। इस घटना की निष्पक्ष जांच हो। सांसद ने सरकार से आग्रह किया कि बिहार में हरेक सदर अस्पताल में डॉक्टर जेनेरिक दवा लिखे ताकि मरीजों को दवा खरीदने में कम पैसे लगे। उन्होंने कहा कि सरकारी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर को सरकार निजी क्लीनिक खोलने की इजाजत न दे। पप्पू यादव ने कहा कि आम आदमी की हिफाजत और सुरक्षा के लिए मैं किसी से लड़ सकता हूं। इस दौरान सांसद ने मुजफ्फरपुर में नाबालिग के साथ हुए बलात्कार का जिक्र करते हुए कहा कि पहले तो दरिंदों ने इज्जत लूट ली और उसके बाद जब पीड़िता मेडिकल के लिए पटना एम्स गई तो उन्हें जगह नहीं दिया गया इसके बाद राजधानी के प्रसिद्ध पीएमसीएच अस्पताल के बाहर 8 घंटे तक एंबुलेंस में खड़ा रहना पड़ा किसी डॉक्टर ने इलाज करना उचित नहीं समझा और अंत में इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई यह बिहार सरकार के स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। इसके अलावा सासाराम में नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म और पूर्णिया के बी कोठी में नाबालिग के बलात्कार के बाद हत्या करने का भी मामला उठाया। उन्होंने कहा कि इन सब में किसी को न्याय नहीं मिला। सांसद ने कहा कि बक्सर में नरसंहार हुआ जिसमें 11 लोगों को गोली मार दी गई और उसमें चार लोगों की मौत हो गई जबकि मुजफ्फरपुर में जाति पूछ कर 300 महिलाओं को जल्लाद की तरफ पीटा गया इसमें 9 थाने की पुलिस मौजूद थी इस दौरान कोई भी महिला सिपाही यहां नहीं थी पप्पू यादव ने पुलिस पर महिलाओं के साथ छेड़खानी करने का भी आरोप लगाया। सांसद ने कहा कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से कोई भी इस घटना के बारे में किसी भी तरह की संवेदना व्यक्त करने नहीं पहुंचे।