कटिहार/ रतन कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पूर्ण शराबबंदी नीति को एक बार फिर उसी की पार्टी के पदाधिकारी ने कठघरे में खड़ा कर दिया है। शनिवार की रात मनिहारी नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या दो में एक शादी समारोह के दौरान शराब के नशे में हंगामा करते पकड़े गए जदयू जिला महासचिव राजेश रजक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने जब मौके पर जांच की तो रजक के शराब पीने की पुष्टि भी हो गई।
मनिहारी थाना में मद्य निषेध अधिनियम के तहत कांड संख्या 155/25 दर्ज कर पुलिस ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था बल्कि सत्ताधारी पार्टी की नीति और प्रतिबद्धता पर भी सवाल खड़े करती है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी नारायणपुर फोरलेन के पास एक अन्य जदयू नेता को शराब सेवन के आरोप में जेल भेजा गया था। उस समय पार्टी ने तत्काल प्रभाव से संबंधित नेता को पदमुक्त कर दिया था। अब एक और पदाधिकारी द्वारा शराबबंदी कानून की खुलेआम अवहेलना किए जाने से मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट की साख को गहरा आघात लगा है।
प्रदेश में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद लगातार सामने आ रहे इस तरह के मामले यह संकेत दे रहे हैं कि पार्टी के भीतर ही कुछ लोग सरकार की नीति को कमजोर कर रहे हैं। सवाल यह उठता है कि क्या ऐसे नेताओं पर सिर्फ गिरफ्तारी से काम चलेगा या पार्टी को सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की दिशा में भी कदम बढ़ाना होगा?