*नेता और अधिकारीयों को चुनाव के दौरान गांव में प्रवेश पर रोक
शेखपुरा/धीरज सिन्हा
शेखपुरा जिले के चेवाड़ा प्रखंड के गडुआ गांव के युवाओं ने आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश करते हुए अपने दम पर फिजिकल ट्रेनिंग की पूरी व्यवस्था खड़ी कर दी है. बिहार सरकार द्वारा खेल को बढ़ावा देने की योजना के तहत भले ही इस गांव को नजरअंदाज कर दिया गया हो, लेकिन यहां के युवाओं ने खुद श्रमदान कर तालाब के चारों ओर रनिंग ट्रैक का निर्माण कराया. पुलिस और होमगार्ड बहाली की तैयारी कर रहे युवाओं के पास पहले सड़क, मैदान और अन्य जरूरी संसाधनों का अभाव था. लेकिन गांव वालों के साथ मिलकर उन्होंने खेल मैदान, रनिंग ट्रैक और ट्रेनिंग उपकरणों की व्यवस्था करीब ढाई लाख की लागत से की. इस प्रयास का असर साफ दिख रहा है—गांव की 5 युवतियों ने हाल में ही होमगार्ड फिजिकल टेस्ट पास किया और 18 युवकों ने पुलिस व होमगार्ड में सफलता पाई. ग्रामीणों का आरोप है कि सांसद और विधायक ने अनदेखी की, इसलिए अब वे चुनावों में विरोध जताने का मन बना चुके हैं. जिला प्रशासन अब क्या कदम उठाता है, इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं.गांव के युवा बताते हैं की अधिकारी सांसद और विधायक से रनिंग ट्रैक का कई वार मांग किया गया लेकिन इनकी मांग को हमेसा नजर अंदाज कर दिया गया. इनकी बातो को अनसुनी की गई. जिसके बाद गांव के युवाओं ने मिलकर सामूहिक रूप से यह बड़ा कदम उठाया जिसका लाभ आसपास के पांच गांव के लोगों को अब मिलना शुरू हो गया है. लोग यहां टहलने आते हैं, प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए बड़ी संख्या में आसपास के गांव के युवा यहाँ आते है और निशुल्क प्रशिक्षण लेते हैं.वहां दूसरी तरफ यहाँ अभ्यर्थीयो को प्रशिक्षण देने वाले ट्रेनर ने बताया है की आज श्रमदान से बने इस रनिंग ट्रैक पर निशुल्क लोग आकर प्रशिक्षण ले रहे हैं. यहां पर लोगों को फिजिकल ट्रेनिंग बेहतर दिया जा रहा है. जिसका नतीजा है की बिहार पुलिस परीक्षा और होमगार्ड बहाली में युवाओं ने बड़ी संख्या में सफलता हासिल किया है.वहीं इस रनिंग ट्रैक का सही उपयोग अब गांव की लड़कियां भी कर रहीं है. और उन्हें भी सफलता मिल रही है. इस बार के परीक्षा में गडुआ गांव की पांच लड़कियों ने सफलता हासिल किया. लड़कियां बताती है की पूर्व के समय में सड़क पर वे दौड़ती थी पहाड़ी क्षेत्र और बड़े बड़े पहाड़ तोड़ने वाली कम्पनियों में आवागमन करने वाले ट्रक की वजह से सड़क की हालत जर्जर थी जिसके कारण उन्हें सड़क पर दौड़ की तैयारी करने में काफी कठिनाई होती थी. जिसके बाद महिला अभ्यर्थीयो ने गांव के लोगों को समस्या से अबगत कराया जिसके बाद ग्रामीणों ने बैठक किया और ढाई लाख का चंदा इकट्ठा कर समुचित व्यवस्था के साथ रनिंग ट्रैक का निर्माण कर दिया. महिला अभ्यर्थीयों के अनुसार अब गांव और आसपास के गांव की महिलाएं यहाँ सुबह शाम टहलने आती हैं जिससे उनके सेहत को लाभ मिल रहा है.वहीं गांव के ग्रामीण बताते हैं की इस गांव में फिजिकल तैयारी का घोर अभाव था जिसके कारण गांव के युवाओं को फिजिकल तैयारी में काफी कठिनाई होती थी. इसकी शिकायत क्षेत्रीय सांसद और क्षेत्रीय विधायक के अलावे जिला प्रशासन से कई वार किया गया. लेकिन युवाओं के फिजिकल तैयारी की कोई व्यवस्था नहीं कराई गई. गांव के बड़े बुजुर्गों ने आगामी विधानसभा चुनाव में अधिकारीयों और नेताओं को गांव नहीं आने की चेतावनी तक दे डाली है. ग्रामीणों ने कहा है आगामी विधानसभा चुनाव में गांव के मुहाने पर वोट मांगने वालों को गांव में प्रवेश पर रोक को लेकर बोर्ड भी लगाया जायगा. एक तरफ बिहार सरकार और खेल विभाग खेल को बढ़ावा देने के लिए बिहार में कई तरह के योजना को धरातल पर उतारा जा रहा है. सीएम नितीश कुमार के शेखपुरा आने से पहले यहाँ पांच पंचायत में खेल मैदान, रनिंग ट्रैक और उपकरण का समुचित व्यवस्था किया गया लेकिन गडुआ को इसका कोई लाभ नही मिला जिसके बाद ग्रामीणों ने यह बड़ा कदम उठाया है. ऐसे में ग्रामीणों ने बिहार सरकार और जिला प्रशासन पर गडुआ को राजनितिक कारनो से उपेक्षित रखने की बात भी कही गई है. बहरहाल जिस तरह से गडुआ के युवाओं द्वारा यहाँ जो निर्माण कराया गया है. वह काबिले तारीफ़ है. लेकिन बिहार सरकार के गाल पर जोरदार तमाचा भी है.