शेखपुरा/ धीरज सिन्हा
शेखपुरा की स्यास्थ्य व्यवस्था पर सीपीआई लगातार हमलावर है. अब सीपीआई ने 17 जून को स्वास्थ्य व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन का आगाज भी कर दिया है. सीपीआई ने शेखपुरा की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए एसीएमओ डॉक्टर अशोक कुमार पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. इधर सीपीआई के आंदोलन की चेतावनी के बाद अब सिविल सर्जन ने खुद कमान संभाला है और अपना पक्ष रखा है ।
शेखपुरा सदर अस्पताल की चर्चा आय दिन लगातार सुर्खियों में रहती है. लेकिन इस वार माजरा जरा हट कर है. दरसल सीपीआई ने अब बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के खिलाफ 17 जून को आंदोलन करने का एलान कर दिया है. सीपीआई के जिला सचिव प्रभात पांडेय ने सदर अस्पताल की व्यवस्था पर कब्जा करने का आरोप एसीएमओ डॉक्टर अशोक कुमार पर लगाया है. प्रभात पांडेय ने कहा है की सदर अस्पताल में इलाज कराने आये मामूली रूप से चोटिल मरीजों को भी पटना पीएमसीएच और पावापुरी मेडिकल अस्पताल रेफर कर दिया जाता है इसके साथ ही सदर अस्पताल में चिकित्सक और नर्स की घोर कमी होने की बात कही गई. प्रभात पांडेय ने कहा है की शेखपुरा की स्वास्थ्य व्यवस्था ही नहीं बल्कि बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था की बद से बददतर हालात है. उन्होंने कहा है की आगामी 17 जून को बिहार के बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने की तैयारी चल रही. गांव-गांव के कार्यकर्ताओं आम नागरिकों से फीड बैक और जानकारी लिया जा रहा है.
शेखपुरा स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल चाल जब मीडिया की टीम ने सिविल सर्जन डॉक्टर संजय से लिया तो उन्होंने ऐसी बात बताई जिसके सुनकर आप अपना माथा पिट लेंगे, दरसल सीएस ने साफ शब्दों में कहा है की शेखपुरा स्वास्थ्य विभाग में मानव बल की घोर कमी हैं. यहां न डॉक्टर हैं, न ही नर्स. यही नहीं अधीक्षक और उपाधिक्षक के साथ-साथ एसीएमओ समेत पदों की सीएस ने लंबी सूची गिनाई है। शेखपुरा की स्वास्थ्य व्यवस्था पर लगातार सवाल उठते रहे हैं. कई मामला उजागर भी हुआ है. डीएम ने कार्रवाई भी की है. कइयों का वेतन कटौती भी हो चूका है. बात यह नहीं है की किसी को मालूम नहीं है. यह सारी जानकारी बिहार सरकार स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के पास भी हैं. पिछले दिनों देश की सुरक्षा करने वाले कटारी गांव के एक कमांडो ने मंगल पांडेय को फोन कर सारी बातों से अबगत कराया था. अब सिविल सर्जन डॉक्टर संजय कुमार ने खुद ऐसा बयान शेखपुरा की स्वास्थ्य व्यवस्था पर दिया है की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था का पोल खुलता नजर आ रहा है. लेकिन सवाल सबसे बड़ा यह है की सीएस डॉक्टर संजय कुमार के अनुसार जब यहां मानव बल की घोर कमी है तो बिहार के टॉप टेन अस्पताल में शेखपुरा सदर अस्पताल और बरबीघा रेफरल अस्पताल का नाम कैसे,?