पूर्णियां/मलय कुमार झा
पूर्णियां कालेज के महर्षि मेंही सभागार में कवि रंजीत तिवारी लिखित पुस्तक समय के रंग को लेकर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। आकाशवाणी पूर्णियां के सेवानिवृत्त निदेशक विजय नंदन प्रसाद ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। मंचासीन लोगों में विद्या विहार स्कूल के प्राचार्य डा निखिल रंजन, साहित्यकार डा निरुपमा राय, डा राम नरेश भक्त यमुना प्रसाद बसाक, पूर्णियां कालेज के प्राचार्य डॉ शंभु लाल वर्मा मौजूद थे। दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। साहित्यकारों ने बारी बारी से समय के रंग पुस्तक पर अपनी अपनी प्रतिक्रिया दी। कुल 65 विषयों पर कवि ने पाठकों का ध्यान आकृष्ट किया है। इसमें अब फिर अवतार होगा, कैसा होगा हिंदुस्तान, सवालों के अंगारे, अनंत पथ, मत जगाओ मुझे, मंजिल की ओर से लेकर तेरे संघर्ष की लड़ाई अंतिम कविता तक पाठकों को शब्दों के विपुल भंडार से बांधकर रखा है। कथाकार डॉ निरुपमा राय ने कहा कि समय के रंग पुस्तक में समाज के विविध रंगों का समावेश है। इसमें कवि ने अपने मन के भावों को अभिव्यक्त किया है। देशप्रेम, सामाजिक, राजनीतिक, पारिवारिक सहित विभिन्न विषयों का निचोड़ है। रंजीत तिवारी ने कहा कि यह मेरा पहला काव्य संग्रह है। साहित्य परिवर्तन का आधार है। यह सिलसिला जारी रहेगा।