पूर्णियां/मलय कुमार झा
चुनाव आयोग के द्वारा मतदाता गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत काम किया जा रहा है। एक महीने के भीतर इसे पूरा किया जाना है। यह अभियान अब राजनीतिक रंग लेने लगा है। इंडी गठबंधन के द्वारा इसका जमकर विरोध किया जा रहा है। सरकार के इस फैसले को लेकर विपक्ष नाराजगी का इजहार कर रही है। यह भी कहा जा रहा है कि यह वोटबंदी की साजिश है। बिहार को इस अभियान की प्रयोगशाला बनाने की जरूरत नहीं है। इस मुद्दे को लेकर पूर्णियां के बायसी विधानसभा के पूर्व मंत्री सह राजद विधायक हाजी अब्दुस सुबहान ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि यह एनआरसी का ही रूप है चुनाव के पहले इसे लागू करने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि आम मतदाताओं को इसके बारे में कुछ पता नहीं है। चुनाव सामने है ऐसे में चुनाव के ठीक 1 महीने पूर्व शॉर्ट नोटिस में मतदाता का सत्यापन कराना संभव नहीं है। राजद विधायक ने कहा कि इसमें वोटर को फिजिकल उपस्थित होकर फॉर्म भरने की अनिवार्यता है साथ ही जन्म प्रमाण पत्र भी मांगा जा रहा है जो कहीं से न्याय संगत नहीं है। जो लोग बाहर रहते हैं और उनका नाम मतदाता सूची में है वो इससे वंचित रह जाएंगे। विधायक ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व में जो भी लोकसभा या विधानसभा का चुनाव हुआ है उसमें सभी क्या अवैध मतदाता थे यदि ऐसा है तो अवैध वोटरों के वोट से जीते सभी एमपी और एम एल ए को त्यागपत्र दे देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस इलाके के 40 से 50000 मजदूर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा यूपी सहित अन्य राज्यों में बाहर काम कर रहे हैं। वो फार्म नहीं भर पाएंगे उनका वोटर लिस्ट से नाम कट जाएगा इसके अलावा यह भी कहा कि जितने भी ऑनलाइन फार्म भरेंगे उसका नाम इस नये वोटर लिस्ट में शामिल नहीं किया जाएगा। विधायक ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि नागरिकता सत्यापन के चलते इलेक्शन कमिशन हर एक विधानसभा से 40 से 50000 वोटरों का नाम मिटा देना चाहती है। आधार कार्ड और राशन कार्ड को पहचान के तौर पर भारतीय नागरिकता का मान्यता नहीं देना बिल्कुल ग़लत है। माता पिता के जन्म प्रमाण पत्र की मांग की गई है जो पेंचीदा मामला है। ग्रामीण इलाके में जो अशिक्षित हैं जिसको अपना नाम भी लिखने नहीं आता है वो क्या करेंगे। राजद विधायक ने कहा कि सीमांचल का कई इलाका बाढ़ से प्रभावित है आने जाने का साधन नहीं है।
ऐसे में इन सुदूर क्षेत्र में लोग जान बचाएंगे की वोटर लिस्ट में नाम जुड़वायेंगे। यह भी सरकार को देखना चाहिए।
राजद विधायक ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का हवाला देते हुए कहा कि बीजेपी अभी कुल छह हिंदी भाषी राज्यों में मतदाता गहन पुनरीक्षण लागू करना चाहती है क्योंकि इस प्रांत में बीजेपी के ज्यादा वोटर हैं। जहां बी एल ओ ईमानदार होगा वहां कुछ काम निष्पक्ष ढंग से हो जाएगा मगर अन्य जगहों पर ऐसा ही काम होगा यह कहना मुश्किल है। कुल मिलाकर कहा जाय तो यह फर्जी वोटरों को हटाने की नहीं बल्कि एनडीए गठबंधन के जीत की प्लानिंग है।
हमलोग ऐसा होने नहीं देंगे। इस मुद्दे को लेकर महागठबंधन इलेक्शन कमीशन से मिलने का निर्णय लिया है। इसमें चुनाव होने तक इस अभियान को स्थगित करने की मांग की जाएगी।