पूर्णियां/मलय कुमार झा
पूर्णिया के रजीगंज पंचायत के टेटगामा गांव में अंधविश्वास की आड़ में पांच लोगों को पेट्रोल छिड़क कर जिंदा जला देने की खबर से हर कोई हैरान है। पूरे इलाके में जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारी रात भर कैंप करते रहे। दिल दहला देने वाली इस घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। गौरतलब है कि गांव के रामदेव उरांव के बेटे की तीन दिन पहले तबियत बिगड़ी तो परिजनों ने इलाज कराने की जगह झाड़ फूंक कराना बेहतर समझा। लिहाजा गांव में झाड़ फूंक कराने वाले बाबूलाल उरांव पर इलाज करने का जबरन दबाव बनाया। इसके बाद बच्चे की मौत हो गई। यहीं से मामला तूल पकड़ा। मौत के गुस्साए रजीगंज पंचायत के दो तीन गांव के लोगों ने रविवार रात नौ बजे बैठक की। इसमें तीन सौ लोग शामिल थे। डायन होने का आरोप लगाते हुए पंचायती की और झाड़ फूंक करने वाले बाबू लाल उरांव को दोषी ठहराते हुए जान मारने का तालिबानी फरमान सुना दिया। बताया जा रहा है कि गांव के एक मरड़ यानि नेतृत्व कर्ता ने इस फैसले का ऐलान किया। इसके बाद ग्रामीणों ने बाबू लाल सहित उनकी पत्नी सीता देवी, मां कातो देवी, बहू रानी देवी और बेटा मंजीत कुमार को घर से पचास मीटर दूर सुनसान जगह पर ले गया। भीड़ ने मिलकर पांचों को बेरहमी से पीटा और एक साथ खूंटे से बांध दिया। सभी के शरीर पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दिया।
रात एक बजे पांचों जले हुए शल को लादकर पास में स्थित तालाब में फेंक दिया। मृतक बाबूलाल उरांव के पुत्र और घटना के प्रत्यक्षदर्शी सोनू ने अपनी आंखों के सामने परिवार के लोगों को जिंदा जलते देखा। इस भयानक दृश्य को देख मारे जाने के डर से वह घटनास्थल से जान बचाकर भागा वर्ना उसे भी आग में झोंक दिया जाता। जिंदा बचा यही एक मात्र आई विटनेस पुलिसिया जांच में तुरूप का पत्ता साबित हुआ। सोनू ने पुलिस को घटना वाले दिन की पूरी जानकारी दी।
समाज के लिए शर्मनाक घटना तीन गिरफ्तार दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई – डीआईजी
डीआईजी प्रेम कुमार मंडल, एसपी स्वीटी सहरावत डीएम अंशुल सहित अन्य प्रशासनिक अफसर घटनास्थल पर पहुंचकर पूरी तफ्तीश की। इस मौके पर सदर विधायक विजय खेमका भी घटना को लेकर पहुंचे मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए पीड़ित के परिजनों से मिलकर ढ़ाढ़स बंधाया। पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया।
डाॅग स्क्वायड की मदद से घर से दो किलोमीटर दूर पुलिस ने तालाब में जलकुंभी से घिरे पांचों शव को बरामद किया। पूरी रात पुलिस के वाहनों का सायरन बजता रहा। टेटगामा गांव के अलावा सभी गांवों में पुलिस जवानों ने गहन छानबीन की। मोबाइल फोरेंसिक टीम भी नमूने को इकट्ठा कर ले गई। इस घटना में 23 नामजद और 150 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। गांव में कई लोगों से पुलिस ने पूछताछ की। पूर्णियां प्रक्षेत्र के डीआईजी प्रेम कुमार मंडल ने कहा कि 21 वीं सदी में ऐसी घटना हो सकती है कोई विश्वास नहीं करेगा। ये समाज के लिए शर्मनाक घटना है। उन्होंने कहा कि इस घटना में ट्रैक्टर मालिक सहित दो मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। जिस ट्रैक्टर पर शव को ले जाकर पानी में फेंका गया है उसे भी जब्त कर लिया गया। डीआईजी ने कहा कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। सदर विधायक विजय खेमका ने कहा कि इस तरह की घटना में किसी को राजनीति नहीं करनी चाहिए। साजिशकर्ता कोई भी बचेंगे नहीं। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को हर हाल में न्याय मिलेगा। एनडीए की सरकार में कोई अपराधी बख्शे नहीं जाएंगे। जिसने भी यह घिनौना षड्यंत्र रचा है पुलिस उसका उद्भेदन करेगी आरोपी काल कोठरी में जाएंगे।