जहानाबाद/संतोष कुमार
जहानाबाद, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार (NALSA), नई दिल्ली के निर्देशानुसार ‘मिडिएशन फॉर नेशन’ (Mediation for Nation) अभियान के तहत जहानाबाद व्यवहार न्यायालय में एक अहम बैठक आयोजित की गई। यह अभियान 1 जुलाई से 31 जुलाई तक चलाया जा रहा है। इस संबंध में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार ब्रजेश कुमार की अध्यक्षता में न्यायिक पदाधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक हुई।
बैठक में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ब्रजेश कुमार ने सभी न्यायिक पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि इस अभियान अवधि के दौरान अपने न्यायालय में लंबित मामलों में से उपयुक्त मामलों को मध्यस्थता के लिए चिन्हित कर, विधिक प्रक्रिया के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकार कार्यालय के मध्यस्थता केंद्र में भेजा जाए। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित मध्यस्थों के माध्यम से इन मामलों को सुलह-समझौते के आधार पर निपटाने की दिशा में सार्थक पहल की जाएगी।
बैठक में प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय सतीश प्रसाद देव, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार शर्मा, नीरज कुमार, संजय कुमार सिन्हा, एनायत करीम, राजेश पांडेय, कुमार कौशल किशोर, विशाल कुमार, सुनील कुमार सिंह, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कौशलेंद्र कुमार शुक्ला, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अनीश कुमार, प्रधान दंडाधिकारी किशोर न्याय परिषद प्रेरणा सिंह, मुंशीफ अंकित राजन, सचिव रणजीत कुमार सहित अन्य न्यायिक पदाधिकारी व प्रशिक्षु न्यायिक दंडाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ब्रजेश कुमार ने कहा कि मध्यस्थता आपसी संबंधों को बचाने और विवादों को सुलझाने का बेहतर जरिया है। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता में एक तटस्थ व्यक्ति, दोनों पक्षों के बीच संवाद स्थापित कर उनकी चिंताओं को समझता है और समाधान की राह निकालने में मदद करता है। हालांकि, मध्यस्थता का निर्णय बाध्यकारी नहीं होता, यह केवल आपसी सहमति पर आधारित होता है।
उन्होंने कहा कि लंबे समय तक विवादों के लंबित रहने से समाज में कटुता और आपसी दुश्मनी बढ़ती है, लेकिन समझौते से बड़े-बड़े युद्ध भी रोके गए हैं। प्राचीन काल में भी राजाओं के बीच विवादों का समाधान दूतों के माध्यम से मध्यस्थता से किया जाता था। आज भी इस परंपरा को अपनाकर शांति और सौहार्द बनाए रखा जा सकता है।
उन्होंने सभी से आह्वान किया कि इस अभियान का हिस्सा बनें, लोगों को जागरूक करें और अपने विवादों का समाधान मध्यस्थता के माध्यम से कराएं। साथ ही कहा कि यह जन-जागरूकता अभियान समाज को विवादों से मुक्त बनाने की दिशा में अहम कदम है।