पूर्णियां/मलय कुमार झा
सिंथेटिक ट्रैक पर खिलाड़ियों को दौड़ने की मिली अनुमति
3 जुलाई को THE CWN NEWS चैनल ने पूर्णियां के इंदिरा गांधी स्टेडियम की खबर को प्रमुखता के साथ चलाया था।
इस खबर का ऐसा असर हुआ कि एक सप्ताह के भीतर ही जिला प्रशासन और पूर्णियां विश्वविद्यालय प्रबंधन की कुंभकर्णी नींद खुली। स्टेडियम को आमलोगों के लिए खोल दिया गया है। गौरतलब है कि तीन जुलाई को *7.50 *करोड़ की लागत से बना बिहार का पहला सिंथेटिक ट्रैक मेंटनेंस की कमी से हो रहा खराब सामानों की हो रही चोरी नहीं ले रहा कोई सुध* शीर्षक के साथ खबर को प्रकाशित किया था। लिहाजा इस खबर के चलने के बाद प्रशासन ने संज्ञान लिया और जिस स्टेडियम पर दो साल से ताला लटका था उसे खोल दिया गया है।
शहर के एकमात्र इंदिरा गांधी स्टेडियम में खिलाड़ियों को अभ्यास करने की अनुमति मिल गई। साढ़े सात करोड़ की लागत से साल 2002 में सिंथेटिक ट्रैक बनाया गया था। पहले इस पर पाबंदी थी अब आमलोगों के साथ खिलाड़ियों के लिए इसे खोल दिया गया। पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ विवेकानंद सिंह, डीएम अंशुल कुमार ने सिंथेटिक ट्रैक का फीता काटकर उद्घाटन किया।
डीएम ने कहा कि इस ट्रैक से अब राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का परचम लहराएंगे। इसके लिए प्रशिक्षक के साथ-साथ मूलभूत सुविधा भी उपलब्ध करा दी गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रगति यात्रा के दौरान रंगभूमि मैदान में साइकिल और हॉकी के लिए भी ट्रैक की घोषणा की गई थी इसका भी जल्द निर्माण होगा। पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विवेकानंद सिंह ने कहा कि इंदिरा गांधी स्टेडियम में बना सिंथेटिक ट्रैक विश्वविद्यालय की धरोहर है अब इसे खिलाड़ियो के लिए खोल दिया गया है इससे युवाओं को लाभ मिलेगा और यहां के बच्चे राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर मेडल लाएंगे।