बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड होगा हाईटेक, डिजिटल पोर्टल से जुड़ेगा: मृत्युंजय कुमार झा

जहानाबाद/संतोष कुमार

बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. मृत्युंजय कुमार झा ने कहा है कि संस्कृत बोर्ड को अब हाईटेक बनाया जाएगा और इसकी तुलना राज्य के अन्य आधुनिक शिक्षा बोर्डों से की जा सकेगी। वे रविवार को जहानाबाद के वेंकटेश्वर नगर स्थित वेंकटेश प्राथमिक सह माध्यमिक संस्कृत विद्यालय में आयोजित अभिनंदन समारोह एवं समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर डॉ. झा का चांदी का मुकुट पहनाकर, अंगवस्त्र एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर भव्य स्वागत किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुई। सरस्वती वंदना और वैदिक मंगलाचरण ने समारोह को आध्यात्मिक रंग दिया।

हाईटेक पोर्टल और मॉडल संस्कृत विद्यालयों की होगी स्थापना

अपने संबोधन में डॉ. झा ने कहा कि जल्द ही बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड का डिजिटल पोर्टल विकसित किया जाएगा, जिस पर छात्रों और शिक्षकों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि संस्कृत विद्यालयों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया पर मॉडल स्कूलों का प्रदर्शन किया जाएगा।

गुरुकुल परंपरा का पुनर्जीवन और मंदिरों-मठों में शिक्षा

बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि राज्य के 400 मंदिरों और मठों में धार्मिक न्यास बोर्ड के सहयोग से संस्कृत की शिक्षा शुरू करने की योजना है, जिससे लगभग 40,000 नए विद्यार्थी संस्कृत शिक्षा से जुड़ सकेंगे। इसके लिए मंदिर-मठ संचालकों से अनुबंध की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

सीएसआर फंड से मिलेगा सहयोग

संस्कृत शिक्षा को और सशक्त बनाने के लिए डॉ. झा ने बताया कि कई औद्योगिक घरानों से बातचीत जारी है, जिससे उनके सीएसआर फंड से मॉडल संस्कृत विद्यालय विकसित किए जा सकें। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि “मंदिर निर्माण से अधिक ज़रूरी विद्या के मंदिर यानी संस्कृत विद्यालयों की स्थापना है।”

शिक्षकों को मिला भरोसा, पाठ्यक्रम में ऐतिहासिक बदलाव

डॉ. झा ने बताया कि उन्होंने एक महीने के भीतर संस्कृत विद्यालयों की समस्याओं को चिन्हित कर समाधान की दिशा में काम शुरू कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि श्रीरामचरितमानस और श्रीमद्भगवद्गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्णय को संस्कृत शिक्षाविदों से व्यापक समर्थन मिला है।

बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि भिखारी ठाकुर, दशरथ मांझी और बिहार की अन्य महान विभूतियों की जीवनी एवं साहित्यिक योगदान को भी संस्कृत पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।

भव्य आयोजन, भावनात्मक माहौल

कार्यक्रम के दौरान संस्कृत विद्यालय शिक्षक संघ के प्रमंडलीय अध्यक्ष डॉ. एस.के. सुनील, शिक्षाविद् डॉ. इन्द्रदेव शर्मा, और वरिष्ठ लोजपा नेत्री डॉ. इंदु कश्यप समेत कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। छात्र-छात्राओं ने हिंदी और संस्कृत में स्वागत गान प्रस्तुत किए और अध्यक्ष महोदय को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

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