फर्जी पंचायत कर्मी बन कर अवैध वसूली करते दो लोगो को ग्रमीणों ने पकड़ा

मधेपुरा मे सरकारी कर्मचारी बनकर पंचायत पर बीडीओ के हस्ताक्षर युक्त पत्र दिखाकर कर रहा था आम लोगों से घर घर होल्डिंग प्लेट लगाकर अवैध वसूली, ग्रामीणों ने बनाया दो लोगों को बंधक और किया पुलिस के हवाले। डीएम के आदेश पर मुरलीगंज थाना मे हुआ मामला दर्ज।

मधेपुरा/राजीव रंजन

मधेपुरा मे सरकारी कर्मचारी बनकर पंचायत पर बीडीओ के हस्ताक्षर युक्त पत्र दिखाकर कर रहा था आम लोगों से घर घर होल्डिंग प्लेट लगाकर अवैध वसूली, ग्रामीणों ने बनाया दो लोगों को बंधक और किया पुलिस के हवाले। वहीं डीएम ने लिया तत्काल संज्ञान, डीएम के आदेश पर मुरलीगंज थाना मे हुआ मामला दर्ज। दरअसल पूरा मामला मुरलीगंज थाना क्षेत्र के रामपुर गाँव का है। जहां दो व्यक्ति प्रखंड विकास पदाधिकारी के फर्जी दस्तखत और मोहर लगाकर लोगों को दिखा रहा था आदेश पत्र, और घर घर जाकर जनगणना कार्य के तहत होल्डिंग प्लेट लगाकर की जा रही थी अवैध वसूली।बता दें कि इस मामले में दो व्यक्ति को ग्रामीणों ने बंधक बनाकर पुलिस के हवाले कर दिया। स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले कई दिनों से रामपुर पंचायत के विभिन्न वार्डों में करीब पांच की संख्या में कुछ लोग खुद को सरकारी कर्मचारी बताते हुए प्रखंड कार्यालय का एक आदेश पत्र दिखाकर लोगों के घरों पर होल्डिंग नंबर प्लेट लगाने के नाम पर उनसे प्रति व्यक्ति की दर से 40 रूपया वसूला जा रहा था वहीं कुछ ग्रामीणों को उनके कार्य शैली पर संदेह हुआ जिसके बाद स्थानीय लोगों ने पूछताछ शुरू की तो संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया इसके बाद ग्रामीणों के द्वारा मामले की सत्यता की पड़ताल के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी से दूरभाष पर बात की गयी तो उन्होंने इसे फर्जी बताया फिर क्या था ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और फिर ग्रामीणों ने इन्हें घेर लिया हालांकि मौके का फायदा उठाकर अन्य कई लोग फरार हो गए। लेकिन ग्रामीणों ने दो व्यक्ति को घेर कर बंधक बना लिया। वहीं इस मामले की सूचना पाते हीं मौके वारदात पर पहुंची मुरलीगंज पुलिस लेकिन ग्रामीणों ने वसूली की गयी गए रुपए की वापसी की मांग एवं इन दोनों पर कानूनी कार्यवाही करने की मांग पर अड़े रहे, रात भर गाँव मे हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा। वहीं अहले सुबह ग्रामीणों को समझा बुझाकर बंधक बनाए गए दोनों व्यक्ति को पुलिस पूछताछ के लिए थाने ले गयी। जहाँ पूछताछ के दौरान बंधक बनाए गए व्यक्ति की पहचान सहरसा जिले के बिहरा गांव के वार्ड संख्या 08 निवासी मनोज देव और मधेपुरा जिले के कुमारखंड थाना क्षेत्र अंतर्गत केवटगामा गांव के वार्ड संख्या 11 निवासी राजकुमार रमन के रूप में की गई है । इस मामले में हिरासत में लिए गए दोनों व्यक्ति से जब पूछताछ की गई तो जानकारी देते हुए मनोज देव ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का गांव में प्रचार प्रसार करने एवं घर-घर में लोगों को जागरूक करने हेतु उनके घरों में नंबर प्लेट लगाने के लिए जिले में डीपीआरओ को आवेदन देने के बाद मुरलीगंज प्रखंड कार्यालय से स्वीकृति पत्र प्रदान की गई थी जिसमें पत्रांक और दिनांक सभी अंकित हैं इसी पत्र के आलोक में हम लोग यह काम कर रहे थे। लेकिन जब ग्रामीणों ने हमें बंधक बना लिया तो पता नहीं क्यों प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा हम लोगों को फर्जी बताया गया है। वहीं इस पूरे मामले में जब मुरलीगंज बीडीओ से पूछा गया तो उन्होंने इस तरह के किसी भी कार्य के लिए स्वीकृति पत्र देने की बात से इनकार करते हुए कहा कि मेरे डिजिटल दस्तखत और मोहर का फर्जी तरीके से गलत प्रयोग किया जा रहा था सूचना मिलने के तुरंत बाद हीं हमने मुरलीगंज थाना प्रभारी को सूचित करते हुए कार्यवाही करने हेतु आग्रह भी किया है। वहीं इस मामले मे मधेपुरा डीएम तरणजोत सिंह ने तत्काल संज्ञान लिया और डीएम के आदेश पर मुरलीगंज थाना मे गिरफ्तार व्यक्तियों के विरुद्ध पुलिस मामला दर्ज कर अग्रतर कार्रवाई मे जुट गयी है। बाइट: नीरज कुमार,पीड़ित ग्रामीण।

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