नालंदा/मिथुन कुमार
आर्थिक तंगी के शिकार एक ही परिवार के पांच लोगों ने शहद में जहर डालकर खा लिया। इस घटना में दो पुत्री दीपा और अरिका की देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई,जबकि मां सोनी देवी और पुत्र शिवम कुमार ने भी अहले सुबह दम तोड़ दिया। इस घटना में अब तक दो पुत्री एक पुत्र और मां की मौत हो चुकी है जबकि पिता धर्मेंद्र कुमार अभी भी जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। धर्मेंद्र कुमार के कुल चार बच्चे थे जिसमें अरिका दीपा और शिवम अब इस दुनिया में नहीं है।जबकि सबसे छोटा पुत्र सत्यम कुमार को भी जहर दी गई थी लेकिन उसने जहर को फेंक दिया था। पूरा परिवार घर के बाहर खंधा में जाकर शहद के साथ जहर खाया था। घटना के पीछे कर्ज में डूबे होने की बात सामने आ रही है क्योंकि धर्मेंद्र कुमार कपड़े की दुकान चलाता था उसने महाजन से कर्ज ले रखा था। महाजन लगातार घर पर जाकर गाली गलौज करते थे। जिसके कारण धर्मेंद्र कुमार काफी तनाव में चल रहा था। समाज में उसकी किरकिरी ना हो जिसके कारण उसने यह खौफनाक कदम उठाया। अब सवाल यह उठता है कि क्या धर्मेंद्र कुमार के परिवार को सरकार की द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ मिल रहा था या नहीं यह विषय रहस्य बना हुआ है। वहीं मृतक के परिवार वालों ने बताया कि धर्मेंद्र कुमार आर्थिक तंगी से शिकार होने के बावजूद उसने बैंक में लोन के लिए अप्लाई किया था लेकिन उसमें भी बिचौलियों के द्वारा कमीशन के रूप में 50000 खा लिया और लोन भी नहीं मुहैया कराया गया। बहरहाल इस घटना का जिम्मेदार कौन है यह तो जांच का विषय है।