किशनगंज/शशि कुमार
बिहार के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत दललेगांव पंचायत में AIMIM सीमांचल युवा संगठन के प्रभारी गुलाम हसनैन ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल के बयानों पर तीखा हमला बोला। हसनैन ने अग्रवाल के उस बयान की निंदा की, जिसमें उन्होंने एक निजी न्यूज़ चैनल पर दावा किया था कि क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठिए सरकारी नौकरियों, खासकर शिक्षक और बीएलओ के पदों पर रिजर्वेशन के जरिए नियुक्त हो रहे हैं। हसनैन ने इसे गंगा-जमुनी तहजीब को नुकसान पहुंचाने वाला और एक खास समुदाय को टारगेट करने वाला बयान बताया।हसनैन ने कहा कि पूर्व विधायक बार-बार एक समुदाय को निशाना बना रहे हैं, जो सीमांचल की सांस्कृतिक एकता के लिए खतरनाक है। उन्होंने गृह मंत्रालय और सांसद के बयान का हवाला देते हुए कहा कि बिहार में कोई घुसपैठिए नहीं हैं। हसनैन ने सवाल उठाया कि यदि घुसपैठिए हैं, तो प्रशासन कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा? उन्होंने अग्रवाल पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह घुसपैठ के नाम पर समाज को बांट रहे हैं। हसनैन ने पूछा, “अगर आप घुसपैठियों के खिलाफ हैं, तो उनके गांवों में वोट मांगने क्यों जाते हैं?” उन्होंने यह भी कहा कि अग्रवाल के बयान सीमांचल की शांति और भाईचारे को नष्ट कर रहे हैं। हसनैन ने मतदाता पुनरीक्षण की अवधि बढ़ाने की मांग भी की।जवाब में, पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने गुलाम हसनैन के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह राष्ट्रहित में समझौता नहीं करेंगे। अग्रवाल ने दावा किया कि जिला प्रशासन के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले एक साल में 32 विदेशियों को पकड़ा गया, जिनमें 90% बांग्लादेशी हैं। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई सूरजपुर और इसकी मिट्टी की रक्षा के लिए है, न कि वोट की राजनीति के लिए। अग्रवाल ने हसनैन पर अनुभवहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि वह वोट बैंक के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को दांव पर लगा रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी लड़ाई स्थानीय हितों और मूल निवासियों की सुरक्षा के लिए जारी रहेगी।इस विवाद ने ठाकुरगंज में राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। दोनों पक्षों के बयानों से क्षेत्र में तनाव बढ़ने की आशंका है, और यह मुद्दा सीमांचल की सामाजिक एकता पर गहरा प्रभाव डाल सकता है