भारत का योगदान ग्लोबल वॉल्यूम ग्रोथ में 8 गुना तक बढ़ा – उपभोक्ता अप्लायंसेज के वै​श्विक वॉल्यूम में भारत की हिस्सेदारी 2024 में 5 फीसदी थी

उपभोक्ता उत्पादों की वैश्विक वॉल्यूम वृद्धि में भारत का योगदान बेहतर देखा जा रहा है। पिछले पांच वर्षों के दौरान वृद्धि में उसके योगदान ने वि​भिन्न श्रे​णियों में पिछले वर्ष के मुकाबले वॉल्यूम हिस्सेदारी को 2 से 8 गुना बढ़ा दिया है। इससे उपभोक्ता वस्तु बनाने वाली प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनियों (एमएनसी) के लिए भारत एक दमदार ग्रोथ इंजन बन गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक ‘प्लेबुक फॉर कंज्यूमर प्रोडक्ट्स मल्टीनैशनल कॉरपोरेशंस इनइंडिया’ के अनुसारउपभोक्ता अप्लायंसेज के वै​श्विक वॉल्यूम में भारत की हिस्सेदारी साल 2024 में 5 फीसदी थी । मगर साल 2019 से 2024 के बीच वै​श्विक वॉल्यूम वृद्धि में भारत की हिस्सेदारी 44 फीसदी थी जो पिछले साल की उसकी वॉल्यूम हिस्सेदारी के मुकाबले 8.6 गुना अधिक है। अन्य श्रेणियों में भी यही रुझान दिखता है। परिधान एवं फुटवियर के वै​श्विक वॉल्यूम में भारत की हिस्सेदारी 2024 में 8 फीसदी थी। मगर पिछले पांच वर्षों के दौरान इस श्रेणी की वैश्विक वॉल्यूम वृद्धि में भारत का हिस्सा 34 फीसदी था। गर्म पेय पदार्थ के वै​श्विक वॉल्यूम में भारत की हिस्सेदारी 2024 में 6 फीसदी हो सकती हैमगर पिछले 5 वर्षों के दौरान इस श्रेणी की वै​श्विक वॉल्यूम वृद्धि में भारत की हिस्सेदारी 24 फीसदी थी। इसी प्रकार स्नैकिंग श्रेणी में भारत की वै​श्विक वॉल्यूम में हिस्सेदारी 2024 में 10 फीसदी थीलेकिन पिछले 5 वर्षों के दौरान इस श्रेणी की वै​​​श्विक वॉल्यूम वृद्धि में भारत की हिस्सेदारी 2.1 गुना बढ़कर 22 फीसदी हो गई। बेन ने 10 अरब डॉलर से अधिक की आय वाली करीब 42 वैश्विक उपभोक्ता वस्तु कंपनियों के भी आंकड़े दिए हैं। इनमें से 30 कंपनियां भारत में भी कारोबार करती हैं। इन कंपनियों में रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुएं बनाने वाली एफएमसीजी कंपनियां शामिल है लेकिन तंबाकूकृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण फर्मों को बाहर रखा गया है। विश्लेषण से पता चलता है कि भारत में कारोबार करना काफी फायदेमंद हो सकता है। ऐसी कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भारतीय सहायक इकाइयों का कुल शेयरधारक रिटर्न (टीएसआर) शानदार रहा। साल 2015 से 2024 के बीच उनका कुल शेयरधारक रिटर्न वैश्विक मूल कंपनी के मुकाबले 2 से 6 गुना अधिक रहा। इतना ही नहीं बेन की रिपोर्ट से यह भी खुलासा हुआ है कि भारत में कारोबार करने वाली उपभोक्ता वस्तु क्षेत्र की 60 फीसदी बहुराष्ट्रीय कंपनियां वै​श्विक वृद्धि दर के मुकाबले करीब दोगुनी दर से बढ़ रही हैं।

  • नेहा निगम

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Our Associates

Prediction: Bihar assembly election 2025