सोने और चांदी के भाव जिस तरह से उड़ान भर रहे हैं उसने निवेशकों के बीच में शेयर बाजार और कीमती धातुओं के बीच निवेश के चुनाव को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है। छोटे और घरेलू निवेशक इस बात से अनजान रहते हैं कि आखिर बाजार के चढ़ने और गिरने के पीछे मुख्य कारण क्या हैं और वो बहती हुई हवा के साथ अपने निवेश के विकल्प चुनते हैं।
शेयर बाजार ने पिछले 2 वर्षों में करीब 37% का मुनाफा दिया है जबकि हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोने का भाव केवल पिछले 1 साल में ही 54% तक बढ़ा है। इसके चलते बहुत से निवेशक इस बात पर पछता रहे हैं कि काश उन्होंने सोने पर निवेश किया होता। सोने के भाव की चाल अभी कुछ और दिन ऊपर की ओर चलने की संभावना है लेकिन जैसे जैसे मध्य पूर्व एशिया और रूस यूक्रेन युद्ध के हालात सुधरेंगे तो सोने के भावों में गिरावट आने की संभावनाएं बढ़ने लगेंगी।
पिछले 50 वर्षों का सोने के भावों की चाल बताती है कि लगभग हर 2 साल में जितना नीचे गया उसके अगले 1 साल में गिरावट का डेढ़ गुना ऊपर गया है और पिछले 2 साल में सोने का भाव जितना ऊपर गया है उसका 30 प्रतिशत अगले 1 साल मे नीचे आया है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि वर्ष 2025 के अंत तक सोने का भाव करीब 15 प्रतिशत और 2026 के मध्य तक आते आते 20 से 25% तक नीचे आ जाएगा। यानि सोने का भाव दिसंबर 2025 तक 85 हजार और जून 2026 तक 75 से 80 हजार के आसपास आ सकता है।
कहा जा सकता है कि सोने की खरीदारी का ये फिलहाल सही समय नहीं है लेकिन चांदी के भाव अभी और ऊपर जा सकते हैं। इसका कारण चांदी का औद्योगिक इस्तेमाल है जो कि हालात सुधरने के साथ साथ बढ़ सकता है। चांदी अभी 1 लाख के आसपास चल रही है इसके दिसंबर तक एक लाख पंद्रह हजार से सवा लाख तक तक जा सकता है।
- nishchaya