भारत रत्न इंजीनियर विश्वेश्वरैया के नाम पर बना चौक उपेक्षा का शिकार तीन महीने से टूटा रेलिंग ध्वस्त दीवार हादसे का इंतज़ार
पूर्णियां/मलय कुमार झा
पूर्णियां जिले में भारत रत्न इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के नाम पर चौक तो बना दिया गया है। नगर निगम के वीआईपी इलाके में होने के बाद भी इसके रखरखाव की सुध लेने वाला कोई नहीं है। महापुरुषों के नाम पर बने चौक को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। शहर के अतिव्यस्त विश्वेश्वरैया चौक
पर टूटा गोलंबर हादसे को दावत दे रहा है। तेज रफ्तार वाहन के ठोकर से रेलिंग टूट कर नीचे झुक गया है जबकि दीवार का ईंट बिखरा है। तीन महीने से यही हाल है। रात आठ बजे के बाद इसी रास्ते होकर पूर्णियां से पटना दरभंगा मुजफ्फरपुर जानेवाली निजी बस का आना जाना लगा रहता है।
गोलंबर की रेलिंग की सफाई कम और यह आसपास के लोगों के कपड़े सुखाने के काम ज्यादा आता है। सिर्फ इंजीनियर्स डे पर रस्म अदायगी की जाती है।
यहां से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक और मंत्री लेशी सिंह का आवास है। बगल में एन एच एआई का प्रमंडलीय कार्यालय है। मेडिकल हब लाइन बाजार और जीएमसीएच जाने का भी यह सुगम रास्ता है। हर बड़े अफसरों का वाहन इस रास्ते से गुजरता है मगर किसी की नजरें इस ओर इनायत नहीं होती है। जिम्मेदार को इससे कोई मतलब नहीं और विभागीय अधिकारी भी देखकर अनसुना कर देते हैं।
भारत रत्न से विभूषित विश्वेश्वरैया के जन्मदिन पर पंद्रह सितंबर को हर साल पूरे तामझाम के साथ इंजीनियर्स डे के रुप में मनाया जाता है। इस गोलंबर के चारों तरफ से सदैव कार, ई रिक्शा, बाइक, पिकअप, स्कूल बस, मालवाहक ट्रक सहित छोटे बड़े वाहनों का आना जाना लगा रहता है।
उत्तर की तरफ यह रास्ता एन एच 31 से जुड़ता दक्षिण की ओर पदाधिकारियों के आवास की ओर जाता है जबकि पश्चिम की ओर मुख्य मार्केट भट्ठा बाजार को जोड़ता है और पूरब की
ओर भूतनाथ मंदिर के रास्ते एन एच 57 कसबा को जाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि किसी को इस टूटे गोलंबर से कुछ लेना देना नहीं है।