शहर के 20 विद्यालय में शुरू हुआ एस्ट्रोलॉजी और रोबोटिक्स लैब, बच्चों को मिलेगी बेहतर शिक्षा व्यवस्था

शेखपुरा/धीरज सिन्हा

शेखपुरा. जिले के शैक्षणिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, शेखपुरा के 20 सरकारी विद्यालयों में एस्ट्रोलॉजी और रोबोटिक्स लैब की स्थापना की गई है। इस पहल के तहत छात्रों को अत्याधुनिक रोबोटिक्स किट्स उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे वे तकनीकी क्षेत्र में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। इन 20 सरकारी विद्यालयों में तैलीक बालिका हाइ स्कूल बरबीघा, डीएम हाई स्कूल शेखपुरा, टाउन हाई स्कूल बरबीघा, नव उत्क्रमित हाई स्कूल एकराम, लहाना, लोदीपुर, निमी सहित अन्य स्कूल शामिल है। इन लैबों के माध्यम से बच्चों को व्यावहारिक शिक्षा दी जा रही है, जिससे वे सीमित संसाधनों के बावजूद उल्लेखनीय नवाचार कर रहे हैं। कई विद्यार्थियों ने छोटे-छोटे ड्रोन तैयार किए हैं, जो पूरी तरह से कार्यक्षम हैं। ये ड्रोन न केवल उड़ान भरने में सक्षम हैं, बल्कि बेहद हल्के वजन के कारण कहीं भी आसानी से ले जाए जा सकते हैं। डीएम हाई स्कूल के दसवीं कक्षा के छात्र आदित्य कुमार ने अपने कुछ साथियों की मदद से ह्यूमन राइट रोबोट सिस्टम बनाया है जो हॉस्पिटल होटल एवं अन्य वेबसाइट क्षेत्र में सामानों को एक छोर से दूसरे छोर ले जाने में सक्षम है. जिले के 20 सरकारी स्कूलों में स्थापित एस्ट्रो लैब न सिर्फ तकनीकी शिक्षा का केंद्र बन रही है, बल्कि छात्राओं के बीच विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभा रही है। खासकर छात्राओं में खगोलीय विज्ञान को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। डीएम स्कूल में पढ़ने वाली दशवीं कक्षा की छात्राएं जैसे आराध्य राज, सोनाक्षी कुमारी, निधि कुमारी, गुलशन खातून और पार्वती कुमारी ने बताया कि एस्ट्रो लैब में कई ऐसे वैज्ञानिक उपकरण उपलब्ध हैं, जिन्हें उन्होंने पहली बार देखा है। इनमें लाइट रिफ्लेक्शन, टेलीस्कोप, रोवर मॉडल और सौरमंडल से जुड़े कई उपकरण शामिल हैं। इनकी मदद से वे खगोलीय घटनाओं और अंतरिक्ष विज्ञान की बारीकियों को बेहतर ढंग से समझ पा रही हैं। छात्राओं ने बताया कि लैब में अध्ययन का वातावरण बहुत रोचक है और इससे उनकी पढ़ाई में रुचि भी बढ़ी है। अब वे न केवल पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर रही हैं, बल्कि वैज्ञानिक सोच के साथ नए विषयों पर रिसर्च भी कर रही हैं। इन विद्यालयों में स्थापित एस्ट्रोलॉजी और रोबोटिक्स लैब में अब छात्र-छात्राएं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से भी नई तकनीकों को सीखने और समझने में आगे आ रहे हैं। पारंपरिक पढ़ाई के साथ-साथ आधुनिक डिजिटल संसाधनों का समावेश इन स्कूलों में शिक्षा की दिशा बदल रहा है। लैब में हाई-स्पीड वाई-फाई और कंप्यूटर की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिससे छात्र-छात्राएं गूगल और एआई आधारित प्लेटफॉर्म की सहायता से किसी भी विषय की जटिलता को सरलता से समझ पा रहे हैं। जहां पहले उन्हें किसी मॉडल या तकनीक को समझने में कठिनाई होती थी, अब वे डिजिटल माध्यम से उसका विस्तृत समाधान प्राप्त कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि अब वे रोबोटिक्स के अलावा, सर्किट डिजाइनिंग, प्रोग्रामिंग और खगोलीय घटनाओं पर आधारित जटिल अवधारणाओं को भी आसानी से सीख पा रहे हैं। मैन्युअल किताबों के साथ-साथ एआई की सहायता से अध्ययन करना उन्हें न केवल रोचक लगता है, बल्कि इससे उन्हें समय की भी बचत होती है और प्रयोगात्मक ज्ञान में भी वृद्धि हो रही है।

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