नालंदा/मिथुन कुमार
जनसुराज पार्टी के जिलाध्यक्ष वीरमणि यादव पर गिरफ्तारी की तलवार एक बार फिर से लटक रही है। बिहार थाना क्षेत्र के नकटपुरा गांव निवासी वीरमणि यादव पुलिस छापेमारी के दौरान अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए, जबकि उनके भाई संजीत यादव को देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया। वीरमणि यादव पूर्व में राजद में थे और बालू के अवैध कारोबार के मामले में जेल जा चुके हैं। बाद में राजद से निष्कासित होकर जनसुराज में शामिल हुए और हाल ही में जन सुराज पार्टी के जिलाध्यक्ष बनाए गए थे। सदर डीएसपी नुरूल हक ने बताया कि पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर फरार वारंटियों के खिलाफ चलाए गए अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई। न्यायालय के द्वारा निर्गत गैर जमानतीय वारंट के तामिला के लिए नकटपुरा के विरमनी यादव एवं उनके भाई संजीत यादव के यहां विधिवत छापेमारी की गई। जिसमें वारंटी संजीत यादव को गिरफ्तार किया गया। वीरमणि यादव के खिलाफ 2005 से 2025 तक छह आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी। वही जनसुरज पार्टी के प्रवक्ता अमित पासवान ने बताया की साजिश के तहत जिला प्रशासन के द्वारा हमारे पार्टी के नेता वीरमणि यादव को परेशान किया जा रहा है। वहीं दूसरी और जिलाध्यक्ष विरमनी यादव ने फरार होने की बात से इनकार का किया। उन्होंने कहा कि 2009 का पुराना मामला में पुलिस के द्वारा वारंटी निर्गत करवाया गया था जिसमें उन्हें माननीय न्यायालय से जमानत मिल गई। प्रवर्तन उनके भाई को बेवजह गिरफ्तार किया गया है इसके पूर्वी प्रशासन के द्वारा प्रसाद किशोर के कार्यक्रम के दौरान कल्याण विभाग में मुझे धमकी दी गई थी कि प्रशांत किशोर के कार्यक्रम के बाद आप सभी को देख लिया जाएगा। उन्होंने रात के अंधेरे में भागने की बात को गलत बताया।